Friday, May 28, 2010

पवन करण की पुस्तक "स्त्री मेरे भीतर" का पंजाबी अनुवाद "औरत मेरे अन्दर"


अनुवादक- अमरजीत कौंके
प्रकाशक - प्रतीक प्रकाशन, पटिआला
मूल्य-६०/- , पन्ने-८०
सम्पर्क-०९८१४२ ३१६९८
EMAIL- amarjeet kaunke@gmail.com

Saturday, May 15, 2010

लड़की / अमरजीत कौंके



बचपन से यौवन का
पुल पार करती
कैसे गौरैया की तरह
चहकती है लड़की

घर में दबे पाँव चलती
भूख से बेखबर
पिता की गरीबी से अन्जान
स्कूल में बच्चों के
नए नए नाम रखती
गौरैया लगती है लड़की
अभी उड़ने के लिए पर तौलती

और दो चार वर्षों में
लाल चुनरी में लिपटी
सखिओं के झुण्ड में छिपी
ससुराल में जाएगी लड़की

क्या कायम रह पायेगी
उसकी यह तितलिओं सी शोखी
यह गुलाबी मुस्कान
गृहस्थ की तमाम कठिनाइयों के बीच
बचा के रख पायेगी क्या
वह अपनी सारी मासूमियत

कैसे बेखबर आने वाले वर्षों से
गोरैया की तरह
चहकती है लड़की.........

098142 31698