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सब कुछ ख़त्म नहीं हुआ अभी शेष है अब भी मुठ्ठी भर रौशनी इस तमाम अँधेरे के खिलाफ खेतों में अभी भी लहलहाती हैं फसलें पृथ्वी की कोख तैयार है अब ...
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जितनी देर दोस्त थे कितनी सहज थी जिन्दगी ना तुम औरत थी ना मै मर्द एक दुसरे का दर्द समझने की कोशिश करते..... अचानक पता नहीं क्या हादिसा हुआ ज...
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तमन्ना थी उसकी कि इक नेम प्लेट हो अपनी जिस पर लिखे हों हम दोनों के नाम मैंने कहा- नेम प्लेट के लिए एक दीवार चाहिए दीवार के लिए घर घर के लिए ...
3 comments:
ਕਿਤਾਬ ਮਿਲਣ ਤੇ ਪੂਰੇ ਕੰਮੈਟਸ ਭੇਜਾਂਗਾ।ਵੈਸੇ ਹਿੰਦੀ ਵਾਲਿਆ ਨੂੰ ਤੁਹਾਨੂੰ ਇਕ ਲਾਭ ਤਾਂ ਜਰੂਰ ਹੈ ਕਿ ਇਹ ਰਾਸ਼ਟਰ ਭਾਸ਼ਾ ਹੋਣ ਕਰਕੇ ਦਾਇਰਾ ਬਹੁਤ ਵੱਧ ਹੈ।
amarjeet ..mujhe to ek copy aaj hi courier se bhijwa do pl......
ਬੜਾ ਹੀ ਨੇਕ ਕੰਮ ਕਰ ਰਹੇ ਹੋ।
ਰੱਬ ਆਪ ਨੂੰ ਕਾਬਯਾਬੀ ਬਖ਼ਸ਼ੇ!
ਹਰਦੀਪ
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