DR. AMARJEET KAUNKE
Tuesday, April 14, 2020
प्रतिमान : जनवरी- मार्च 2020, संपादक : डा अमरजीत कौंके
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प्रतिमान : जनवरी- मार्च 2020, संपादक : डा अमरजीत कौंके
प्रतिमान : जनवरी- मार्च 2020, संपादक : डा अमरजीत कौंके
नदी एक साँवली सी / अमरजीत कौंके
अक्सर आती मेरे पास नदी एक साँवली सी हम खामोश एक दुसरे की आँखों में देखते अनगिनत बातें करते अनगिनत अहद हम हँसते तो हवाओं में किसी के चि...
राज़ / अमरजीत कौंके
वह हंसती तो मोतिओं वाले घर का दरवाज़ा खुलता और खिलखिलाने लगती कायनात मैं हैरान हो कर पूछता उस से कि इस हंसी का राज़ किया है.....? उसके...