![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEimVINCum5z-0fo65mTBmsyUVzIHRsv5dhNhAW52YUnyF5lrIjxSAxpXQ-mY0m3o4dZ4qqLdj0ZwTGuAKNH9rXXjvxVery6Z3yehyphenhyphenBFuCuBeUlN4RWCfvCPCizf0djrwhO98izzdpVYVBs/s320/ManandWomenFishing.jpg)
उस की उम्र में
तब आया प्यार
जब उसके बच्चों की
प्यार करने की उम्र थी
तब जगे
उसके नयनों में सपने
जब परिंदों के
घर लौटने का वक्त था
उसकी उम्र में
जब आया प्यार
तो उसे
फिश एकुएरियम में
तैरती मछलियों पर बहुत
तरस आया
फैंक दिया उसने
काँच का मर्तबान
फर्श पर
मछलियों को
आज़ाद करने के लिए
लेकिन
तड़प तड़प कर
मर गईं मछलियाँ
फर्श पर
पानी के बगैर
नहीं जानती थी
वह बावरी
कि
मछलियों को
आज़ाद करने के भ्रम में
उसने मछलियों पर
कितना जुलम किया है.....