Wednesday, October 7, 2009

बेचैनी-सहजता / अमरजीत कौंके




तुमसे प्यार करने के बाद
पता चला मुझे
कि कितनी सहज
रह सकती हो तुम
और मैं कितना बेचैन

कितनी सहज
रह सकती हो तुम
घर में सदा मुस्कराती
रसोई में
कोई गीत गुनगुनाती
अच्छी बीवी के
फ़र्ज़ निभाती
ऐसे कि घर दफ्तर
कहीं भी
पता नहीं चलता
कि किसी के
प्यार में हो तुम

लेकिन मै हूँ
कि तुम्हारे न मिलने पर
खीझ उठता हूँ
बेचैन रहता हूँ
किसी खूंटे से बंधे
घोड़े कि तरह
पैरों के नीचे की
जमीन खोदता हूँ
और सारी दीवारें तोड़ कर
तुम्हारे तक आने के लिए
दौड़ता हूँ....

मेरी बेचैनी
तुम्हारी सहजता से
कितनी भिन्न है.......

10 comments:

vandana gupta said...

behtreen bhavon se saji kavita.........bahut sundar khyal.

Anonymous said...

धन्य है अधीरता प्यार तो प्यार है !!!!
चाहे खूंटे से बंधा हो ,
या पतंग से ........!
बडी ही प्यारी कविता है ~ बधाई !!!!

वन्दना अवस्थी दुबे said...

अरे वाह!! क्या कमाल कविता है. बेचैनी और निश्चिंतता पूरी तरह से व्यक्त हो रही है.

rajni chhabra said...

nazar main nahin
antas main chupaye
rekhna chahiye
pyar ke pawan ehsaas ko
werna sang dil duniya
aahat ker deti hai
is nazuk ehsaas ko

ओम आर्य said...

आपने बडी ही सहजता से दो भिन्नलोग(लिंग),जब प्यार मे होते है तो वह कैसे आपने प्यार को अभिव्यक्ति देते है ........यह रचना की सार्थकता है!बेहद कोमल भाव और शब्द जो रचना को खुबसूरती प्रदान करते हुये रोम रोम को पुल्कित कर गयी......

शरद कोकास said...

स्त्री का हृदय सागर की तरह होता है भीतर कितनी भी बड़ी सुनामी जन्म ले रही हो पता नही चलता ।पुरुश तो जन्म से उतावला होता है।

श्याम जुनेजा said...

abhi peechey samkaleen bhartiy sahity ka prem mahavisheshank pad raha tha. prem kahaniya to ek do bandhney wali milin par prem kavitayeen??
asli prem kavitayeen to in blogo mein bikhri pdi hain. rat ke aasman mein jaisey chand tarey
लेकिन मै हूँ
कि तुम्हारे न मिलने पर
खीझ उठता हूँ
बेचैन रहता हूँ
किसी खूंटे से बंधे
घोड़े कि तरह
पैरों के नीचे की
जमीन खोदता हूँ
और सारी दीवारें तोड़ कर
तुम्हारे तक आने के लिए
दौड़ता हूँ....
yar amarjeet in blogo ne mujhe bandh liya hai.

Alpana Verma said...

पुरुष का प्यार तो adheer होता है..स्त्री मन को कौन समझ पाया है..अच्छी रचना

Dr. Amarjeet Kaunke said...

kavita padne aur tippni dene k liye aap sabh ka bahut aabhaari hun....so thanks....amarjeet kaunke

paramjit momi canada said...

tohadaa blog opper...tohadee dil noo tumben vali kavita parri...kalpana toian para dee tohadee eh creation bohet piari lagi......